Cinderella Ki Kahani | सिन्ड्रेला की कहानी | cinderella story in hindi


बहुत समय पहले एक बहुत सुंदर लड़की थी उसका नाम था सिंड्रेला | वह अपने पिता ,सौतेली मां और दो  सौतेली बहनों के साथ रहती थी |  पिता की मृत्यु के बाद  सिंड्रेला अकेली हो गई| सौतेली मां और बहने उसे परिवार का सदस्य भी न मानते  और घर का सारा काम करवाते थे | एक दिन राजमहल के सेवक ने  एक शाही दावत की घोसना की जिसमे सभी लडकियाँ भी आ सकती थी |" मैं अपनी लाल पोशाक पहनेंगी "- बड़ी सोतेली बहन ने कहा | " और मैं अपनी हरी पोशाक पहनूंगी"-  छोटी बहन ने कहा|

शाही दावत का दिन आ गया सौतेली मां और दोनों बहने सज-धज कर दावत पर चली गई |  सिंड्रेला को भी जाने का बहुत मन था लेकिन उसे कोई नही ले गया | खिड़की से उन्हें जाता देख सिंड्रेला उदास हो गयी | सिंड्रेला  बर्तन साफ़ कर रही थी की अचानक से परियों की धर माता प्रकट हो गयी | क्या हुआ प्यारी बच्ची ? क्या तुम्हे  भी शाही दावत में जन है ? धर माता ने प्यार से पूछा |सिंड्रेला ने जवाब दिया "हां !लेकिन में इतने फटे हुए कपड़े में कैसे जाऊ ?"अपने आसू पोछलो  मेरे पास एक बड़ा सा कद्दू,छह चुहिया और एक चूहा ले कर आओ " सिंड्रेला ने ठीक ऐसा ही किया |धर माता ने कद्दू को अपनी जादुई छड़ी से छुआ और एक सुन्दर सी  पालकी  में बदल दिया|

 चुहियो को घोड़े में बदल दिया और चुहेको को रथ चालक ने बदल दिया |धन माता ने  सिंड्रेला को छड़ी से छुआ और उसके पुराने फटे कपड़े एक सुंदर पोशाक में बदल गए | अब वह  बिल्कुल एक राजकुमारी लग रही थी सिंड्रेला पालकी पर बैठी धन माता ने सिंडरेला को चेतावनी दी-" याद रखना तुम्हें  आधी रात  से पहले घर वापस आना है नहीं तो जादू खत्म हो जाए|"



   "मैं याद रखूंगी "सिंड्रेला ने कहा |

जल्द ही सिंड्रेला महल पहुँच गयी |  सभी लोग सिंड्रेला को देखते ही रह गए|राजकुमार भी सिंड्रेला की खूबसूरती को  देखकर हैरान रह गया| पूरी शाम सिर्फ  सिंड्रेला के साथ नाचता रहा |अचानक जब घड़ी में 12:00 बजे तब सिंड्रेला को धर माता की चेतावनी याद आई | "मुझे जाना होगा ! मुझे जाना होगा!" सिंड्रेला चिल्लाई और भागी |

"रुको ! रुको ! मुझे अपना नाम तो बताओ " राजकुमार सिंड्रेला के पीछे भागे | सिंड्रेला वहाँ से चली गई थी तभी राजकुमार ने सीढियों पर कुछ चमकता हुआ देखा | वह सिंड्रेला के एक पैर का जूता था | राजकुमार ने उसे उठा लिया | अगले दिन यह ऐलान किया गया कि जिसे भी वह जूता का नाप आएगा  राजकुमार उसी से शादी करेंगे |शाही सेवक घर-घर जाकर जूते को सब लड़कियों को पहनाने लगे |सिंड्रेला की सोतेली  छोटे बहन और बड़ी बहन  को पहनाया गया | लेकिन किसी को भी वह पूरा नहीं हुआ |"अब आपकी बारी है"-मंत्री ने सिंड्रेला को कहा |

" ये क्या पहनेगी ये तो एक नौकरानी है| " सोतेली माँ ने कहा 

मंत्री ने कहा -"राजकुमार ने सबको पहनाने का आदेश दिया  है |"

वो जूता सिंड्रेला को पहनाया गया और उसे एक दम अच्छे से आ गया |

सोतेली  मां और बहन हैरान रह गए | तभी धर माता  प्रकट हुई और सिंड्रेला को राजकुमारी में बदल दिया | सोतली बहनों ने कहा-"यह तो वही राजकुमारी है जिसके साथ राजकुमार शाही दावत में नाच रहे थे" | 

उसके बाद सिंड्रेला की शादी राजकुमार से हो गयी और वे ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे |


No comments:

Powered by Blogger.